याद तेरी तो बस बहाना है
गुनगुनाना कोई तराना है
चाँद पाने की हसरतें पाले
मेरा दिल भी अज़ब दीवाना है
याद करता हूँ रोज़ ही तुमको
आज मौसम भी इक बहाना है
कितना भी दूर दूर जाओ तुम
लौट मेरे ही पास आना है
आशिकी चीज क्या है दुनिया में
तुमसे मिल के ही यार जाना है
सांस टूटे ये उसके पहले ही
उसको इक बार तो बुलाना है
अनुराग सिंह "ऋषी"
23/04/2015
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