सोमवार, 24 जून 2013

"वादा करो"



मै खड़ा हूँ यूँ बांहों को खोले हुए
मेरी बाँहों में आने का वादा करो
मै जहाँ ये भुला दूँगा सुन लो मगर
मुझको दिल में बसाने का वादा करो
मै जो अब तक अकेला हूँ जीता रहा
धुंधले ख्वाबों को आँखों से सीता रहा
ये जो कोरी पड़ी है मेरी जिंदगी
रंग अपना चढ़ाने का वादा करो
मै खड़ा हूँ यूँ बांहों को खोले हुए
मेरी बाँहों में आने का वादा करो
तुम जो रूठी तो तुमको मना लूँगा मै
तुमको पल भर में अपना बना लूँगा मै
मै भी रूठूँगा तुमसे अगर तुम सुनो
तुम भी मुझको मनाने का वादा करो
मै खड़ा हूँ यूँ बांहों को खोले हुए
मेरी बाँहों में आने का वादा करो
जब से देखा है तुमको हूँ खोया हुआ
जागता भी नही और न सोया हुआ
मै ज़माने की नींदें चुरा लूँ अगर
मेरे ख्वाबों में आने का वादा करो 
मै खड़ा हूँ यूँ बांहों को खोले हुए
मेरी बाँहों में आने का वादा करो
तेरा हंसना रहूँ तेरा रोना रहूँ
तेरा जगना रहूँ तेरा सोना रहूँ
मै तुम्हारा तुम्हारा रहूँगा सदा
मुझ पे हक ये जताने का वादा करो
मै खड़ा हूँ यूँ बांहों को खोले हुए
मेरी बाँहों में आने का वादा करो
मै जहाँ ये भुला दूँगा सुन लो मगर
मुझको दिल में बसाने का वादा करो
अनुराग सिंह  "ऋषी"
24/06/2013

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें