सोमवार, 14 अक्तूबर 2013

“राम”





जमीं पे खींच हमें आसमां लाना होगा
तभी कदमो में तेरे सारा ज़माना होगा

यूँ ही पुतलों को जलाने से ये रावण न मरेगा
ज़हन में अपने हमें राम बसाना होगा

जो सौंपनी है हमें बागडोर बच्चों को
हैं एक ही रहीम राम बताना होगा

सभी धर्मो को जहाँ एक सा मिलता दर्ज़ा
यही वो हिंद है दुनिया को दिखाना होगा


खुदा को पाने की तरकीब जो मुझसे पूछो
“ऋषी” अनाथ को यूँ दिल से लगाना होगा

अनुराग सिंह “ऋषी”
14/10/2013


(चित्र गूगल से साभार)

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